मेरे दोस्त जीवन क्या है ?

मेरे दोस्त मै आज आपको आपके जीवन के बारे में समझाने जा रहा हूँ . आप चाहे महिला हो या पुरुष , या फिर बच्चा हो या कोई बूढ़ा व्यक्ति आप सभी मेरे सच्चे दोस्त हो इसलिए मै आज आप से अपने परमात्मा  का वह सच बताने जा रहा हूँ जिसे यदि आप ने विश्वास […]

क्या कोई भी व्यक्ति आप को जानबूझकर परेशान करता है ?

आप के इस प्रश्न के दो उत्तर है . और वे उत्तर इस बात पर निर्भर करते है की आप सामने वाले के साथ कैसा व्यवहार अभी वर्तमान में कर रहे है और पहले आप ने इस व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार किया था . अर्थात आप के संचित कर्मो के आधार पर और इस […]

यदि आप भी गहरी नींद लेना चाहते है तो पहले इसे समझे

मै आप को सबसे पहले यह बताता हूँ की आप गहरी नींद का मतलब क्या समझते है ?. आप के हिसाब से एक ऐसा सुकून या शांत मन जिसकी प्राप्ति होने पर फिर आप को और कुछ नहीं चाहिए . अर्थात आप जब गहरी नींद में होते है तो आप के हिसाब से आप को […]

जैसा आप अभी सोच रहे है परमात्मा आप को वही दे रहे है

जी हाँ. यही शत प्रतिशत सच है . यदि आप अभी यह सोच रहे है की मेरा अमुक मित्र अब पहले जैसा नहीं रहा है . वह अब मेरा सच्चा मित्र नहीं है . तो उसी क्षण वह मित्र भी आप के लिए यही सोच रहा है की अब आप पहले जैसे नहीं रहे है […]

आप को भोग आसान और भक्ति कठीन क्यों लगती है ?

यह बात सबके लिए समान रूप से सच नहीं है . पर ज्यादातर लोगों को भोग आसान और भक्ति कठीन लगती है . क्यों की भोग का मतलब ऊपर से निचे गिरना और भक्ति का मतलब निचे से ऊपर उठना होता है . ऊपर से निचे गिरने में आप की मदद गुरुत्वाकर्षण बल भी करता […]

आप यही जानना चाहते है ना की आप ने जो सोच रखा है वह पूरा होगा या नहीं ?

आप ने जो सोच रखा है वह शत प्रतिशत पूरा होगा ही होगा . पर फिर आप के मन में बार बार ये संदेह क्यों आते है की मेरे सपने अब पूरे नहीं होंगे? मेरी तो किश्मत ही खराब है मेरी बात को लोग क्यों नहीं समझते है ? मै इतना अच्छा काम करता हूँ […]

हमारे मन की साइकोलॉजी कैसे काम करती है ?

साइकोलॉजी को हिंदी में मनोविज्ञान कहते है . अर्थात मन का विज्ञानं . या वह विज्ञानं जिसके तहत हमारा मन कार्य करता है . या यूं कहे की मन क्या है , मन कैसे काम  करता है इत्यादि का अध्ययन करना मनोविज्ञान कहलाता है . सच तो यह है की मन का अस्तित्व होता ही […]

क्या मन और शरीर दो अलग अलग भाग है ?

नहीं . शरीर मन का ही घनीभूत रूप है . अर्थात निराकार प्रकाश कण कण में व्याप्त रहते हुए भी दृश्य जगत के रूप में प्रकट हो रहा है . परमात्मा की इसी क्रिया के कारण समय , दूरी और द्रव्यमान प्रकट हो रहे है . वास्तविकता में समय , दूरी और द्रव्यमान का अस्तित्व […]

न्यूटन ने ऐसा क्यों कहाँ की क्रिया की प्रतिक्रिया होती है ?

क्यों की हर वस्तु का अस्तित्व उसके सूक्ष्मतम कणों के बीच लगने वाले आकर्षण और प्रतिकर्षण बलों के कारण होता है . यदि पदार्थ के कणों के मध्य किसी भी प्रकार का बल कार्य नहीं करेगा तो फिर पदार्थ अपना अस्तित्व खो देगा और निराकार में रूपांतरित हो जायेगा . यह ‘बल’ ही कारण जगत […]

हमारे को खुश देखकर सामने वाला जलता क्यों है ?

क्यों की इसका कारण हम खुद होते है . हमारे भीतर गहराई में यह भाव होता है की मै खुश हूँ क्यों की मेने बहुत अच्छा काम किया है और सामने वाले ने मेरे जितना अच्छा काम नहीं किया है . हमारे भीतर ‘मै खुश हूँ क्यों की मेने बहुत अच्छा काम किया है ‘ […]