क्या लड़कियाँ सेक्स करना चाहती है ?

जब आप क्रियायोग
ध्यान का गहरा अभ्यास करते है तो आप को इस वास्तविक सत्य की अनुभूति होती है की
कोई भी लड़की खुद आगे बढ़कर सेक्स नहीं करना चाहती है . क्यों
?

ऐसा इसलिए होता
है की हमारे परमात्मा ने लड़की को उन तमाम शक्तियों के साथ रचा है जिनकी सहायता से
लड़की इन्द्रियों के माध्यम से होने वाले राग द्वेष पर बहुत आसानी से विजय प्राप्त
कर लेती है लड़को की तुलना में .

पर
फिर हमे इस संसार में ऐसा क्यों दिखाई
,
सुनायी और अनुभव होता है की
लड़कियाँ भी लड़को की भांति खुद आगे बढ़कर सेक्स करना चाहती है
?

क्यों की अभी हमे
यह अनुभूति नहीं होती है की हम निराकार की संतान है . अर्थात जब हमारा मन कमजोर
होता है तो ऐसे पशुवृति के विचार हमारे मन में उठने लगते है और हमे लड़की देवी का
रूप नज़र नहीं आके एक भोग की वस्तु के रूप में नज़र आती है . और इसी कारण हमे शरीर
में नाभि से निचे के रोग होते है . जैसे स्वप्न दोष
, हस्तमैथुन की लत , गंदे विचार , क्रोध , चिंता , डर और ऐसे तमाम रोग हमें घेर लेते है .

पूरी दुनिया का
अधिकतर समाज यही सिखाता है की यह लड़की सुंदर नहीं दिखती है . यदि यह अमुक प्रकार
का मेकअप करेगी
, ऐसे बालों को
रखेगी
, ऐसे कपड़े पहनेगी तो ही
सूंदर दिखाई देगी .

समाज
ऐसा क्यों करता है
?

 क्यों की समाज में अभी लोग जाग्रत नहीं है और
इन्हे अभी खुद की अनंत शक्तियों की अनुभूति नहीं हो रही है . ऐसा क्यों
?

अनंत समय से ऐसे
लोगों का मन इसी प्रोग्रामिंग को आगे विकसित करता चल रहा है . पर आज समाज में जिन
लोगों ने भी क्रियायोग का अभ्यास शुरू किया है और उनमे चमत्कारिक परिवर्तन हुए है
तो वे अब खुद के मन को नए सिरे से रिप्रोग्राम कर रहे है . ऐसे क्रियायोगी इन
लड़कियों को देवी के रूप में मानते है . और ये लड़कियाँ भी ऐसे क्रियायोगी साधको को
अपने वास्तविक प्रेम की अनुभूति कराती है . जैसे यदि आप एक क्रियायोगी साधक है और
कही पर आप किसी परेशानी में फस गए है और वहा कोई भी लड़की आप को दिख जाती है या खुद
लड़की आप के पास आती है तो वह सबसे पहले आप से यही कहेगी की मै आप की क्या मदद करू
. आप इस लड़की का आप के प्रति प्रेम महसूस करके एक ऐसे आनंद की अनुभूति करेंगे जो
सम्भोग के आनंद से भी अनंत गुना होगा .

क्यों
?

क्यों की मन की
झूठी इच्छा पूर्ति के लिए किये गए सम्भोग से आप के मन
, बुद्धि और विवेक का नाश होता है और आप पतन की और बढ़ते है .

और
यही सम्भोग जब आप के मन में यह इच्छा हो की हमे देविये गुणों से युक्त संतान को
जन्म देना है तो चमत्कार में बदल जाता है कैसे
?

क्यों की इस
सम्भोग से लड़की के गर्भ में ईश्वर पल रहे होते है . तब आप के घर का माहौल बहुत ही
खूबसूरत
, शांत , और निरंतर सर्जनात्मक होगा . घर में लड़ाई झगडे
नहीं होंगे
, किसी भी प्रकार
की अनहोनी घटना नहीं होगी और आप धीरे धीरे देखेंगे की अब आप दोनों पति पत्नी देवी
देवता की तरह जीवन जियेंगे . एक पल के लिए भी नकारात्मक विचार आप को परेशान नहीं
करेंगे .

क्रियायोग ध्यान
के अभ्यास से आप के मन और शरीर में होने वाले सभी परिवर्तन आप को निरंतर निराकार
शक्ति से एकता स्थापित करने में अत्यधिक मदद करते है . अब आप लड़कियों की भावनाओ का
ख़याल करेंगे
, आप उनकी सेवा में
जुट जायेंगे और आप उन्हें इतना प्रेम करने लगेंगे की जब आप  उनकी वास्तविक सुंदरता को महसूस करेंगे तो फिर
लड़कियाँ खुद भी अपनी वास्तविक सुंदरता को भूलकर अप्राकृतिक सौंदर्य के पीछे नहीं
भागेगी .

इस अप्राकृतिक
सौंदर्य के पीछे भागने के कारण ही आज लड़कियाँ अवसाद में जा रही है
, उन्हें कई प्रकार की बीमारिया घेर रही है . अब
समय आ गया है मेरे मित्रों की हम जागे और क्रियायोग ध्यान का गहरा अभ्यास शुरू करे
और पूरी दुनिया को इस तरह से रचे जिसमे सभी जीव बहुत ही ख़ुशी से रहे .

धन्यवाद जी .
मंगल हो जी .

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