जब तक हम पेट में गैस की समस्या से पीड़ित रहेंगे तब तक हम गहरे ध्यान में बैठ ही नहीं सकते .
तो फिर क्या करे ?
सबसे पहले हमे यह समझना है की पेट में गैस क्यों बनती है और फिर पेट की गैस का स्थायी समाधान क्या है इसे समझना है .
पेट में गैस क्यों बनती है ?
हमारे पेट में गैस बनने के निम्न कारण हो सकते है :
एक बार में ज्यादा मात्रा में भोजन करने से पेट में गैस बनती है
भोजन करने के तुरंत बाद ज्यादा पानी पिने से पेट में गैस बनती है
तला भुना भोजन करने के बाद ठंडा पानी तुरंत पिने से पेट में गैस बनती है
मानसिक तनाव में रहते हुए भोजन करने से पेट में गैस बनती है
पेट के किसी भी प्रकार के ऑपरेशन के बाद आँतो की कमजोरी के कारण पेट में गैस बनती है
भोजन को लेकर तरह तरह के वहम करने से पेट में गैस बनती है
पेट में ‘अब गैस बनेगी ही’ ऐसी साइकोलॉजी हो तो फिर पेट में गैस बनती है
विरुद्ध आहार के सेवन करने से पेट में गैस बनती है
फ़ास्ट फ़ूड के सेवन करने से पेट में गैस बनती है
तेज मिर्च मशालों के सेवन करने से पेट में गैस बनती है
अधिक मीठा खाने पर भी पेट में गैस बनती है
दवाओं का अधिक सेवन करने के कारण भी पेट में गैस बनती है
शरीर में वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण भी पेट में गैस बनती है
उम्र के अनुसार शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण भी पेट में गैस बनती है
महिलाओं में मासिक धर्म की क्रिया ठीक से ना हो तो भी पेट में गैस बनती है
भोजन जल्दी जल्दी खाने से भी पेट में गैस बनती है
पानी जल्दी जल्दी पीने से भी पेट में गैस बनती है
किसी भी भोजन की आदत डालने पर जब एक दिन अचानक किसी अन्य प्रकार के भोजन करने पर भी पेट में गैस बनती है
मौसम परिवर्तन को सहन नहीं करने पर भी पेट में गैस बनती है
ज्यादा मात्रा में भोजन खाके बैठ जाने पर भी पेट में गैस बनती है
आनुवांशिकता के कारण भी पेट में गैस बनती है
ऐसे पेट में गैस बनने के अनेक कारण होते है . ये कारण व्यक्ति विशेष पर निर्भर करते है .
अर्थात हम कोई एक फिक्स कारण नहीं बता सकते है की केवल इसी कारण से पेट में गैस बनती है .
व्यक्ति की दिनचर्या कैसी है इसका भी पेट में बनने वाली गैस से सीधा सम्बन्ध है .
पेट की गैस का स्थायी समाधान क्या है?
पेट में बनने वाली गैस का स्थायी समाधान शुरुआत में व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है . पर जब कोई भी व्यक्ति क्रियायोग ध्यान ‘पेट में गैस की अनुभूति’ वाली क्रिया से जुड़ने के लिए करता है तो धीरे धीरे इस गैस का वास्तविक कारण और स्थायी समाधान आप को खुद को पता चलने लगता है . अर्थात आप को यह पता लगने लगता है की इस गैस के लिए मुझे घरेलु इलाज करना है या फिर चिकित्सक को दिखाना है या किसी अन्य प्रकार के उपाय से इसका समाधान निकालना है .
जैसे आप को यह पता चला की मेरे पेट में गैस इस अमुक मुख्य कारण से बनती है तो फिर इसी कारण में इसका निवारण भी छिपा होता है और उसी निवारण में इसको सम्पादित(इलाज पद्दति) करने का तरीका भी छिपा होता है .
जब आप इस ध्यान के अभ्यास से धीरे धीरे पेट में बनने वाली गैस की समस्या से निजात पाने लगेंगे तो आपको एक ऐसी ख़ुशी का अहसास होने लगेगा की अब आप की क्रियायोग ध्यान के गहरे अभ्यास में रूचि जगने लगेगी और फिर आप धीरे धीरे इस समस्या से हमेशा के लिए मुक्त हो जायेंगे .
यहाँ हम यह उपाय नहीं बता सकते है की आप यह चूरन खाना खाने के बाद ले लो आप की पेट की गैस की समस्या ख़त्म हो जायेगी.
हम यह क्यों नहीं बता सकते है ?
क्यों की हर व्यक्ति की समस्या का कारण अलग होता है . और समस्या के अनुसार ही इलाज करना जरुरी होता है . यही सत्य और अहिंसा का मार्ग होता है . किसी को झूठा इलाज बताने पर वह समस्या बताने वाले व्यक्ति को ही अपनी चपेट में ले लेती है . क्यों की यही प्रकृति का कठोर नियम है . धन्यवाद जी . मंगल हो जी .