भक्त और भगवान के बीच बातचीत – भाग 9

 

भाग 9

भक्त : हे
न्यायकारी पर हर क्षण इसी भावना में रहना तो बहुत मश्किल काम है आप मुझे किसी
दूसरे उपाय के बारे में बताओ प्रभु .

भगवान : वत्स मै
बहुत ही गुणवान
,तेजस्वी ,
सूंदर , सुशिल कन्या के जन्म के योग के बारे में बता रहा था . पर
इसका मतलब यह भी नहीं है की यह कन्या योग पूरी तरह निष्क्रिय हो जायेगा . कन्या तो
इनके घर जन्म लेगी पर डीएनए लेवल पर इस कन्या के गुणों में परिवर्तन आ जायेगा . पर
यदि फिर भी यह जोड़ा परमात्मा की महिमा का निरन्तर अभ्यास करता है तो इनका डीएनए भी
रूपांतरित हो जायेगा . अर्थात परमात्मा की महिमा के अभ्यास से आप कुछ भी बदल सकते
हो डीएनए हो या जीन्स
, मन हो या शरीर ,
स्वभाव हो या चरित्र सबकुछ . एक कहावत है ज्याकी रही भावना जैसी उनको दिखे मूरत वैसी‘.

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