जब हमारा मन व्यवस्थित नहीं रहता है और शरीर और मन के बीच में दूरी बढ़ जाती है और हम कोई काम करना चाहते है तब हमें आलस आता है थकान का अनुभव होता है क्यों की मन को राजी किये बगेर कोई भी कार्य खुश होकर नहीं कर सकते है | हमारा मन खुश क्यों नहीं रहता है ? शरीर और मन के बीच दूरी क्यों बढ़ती है ? घृणा किसे कहते है ? घृणा के नुकसान क्या क्या है ? शरीर मे लगातार थकान क्यों बनी रहती है ? शरीर में प्राण तत्व की कमी क्यों होती है ?
पुरे शरीर में प्राण शक्ति को कैसे बढ़ाये ? प्राण शक्ति के कम होने पर शरीर में क्या प्रभाव होते है ? हाथ पैर सुन्न क्यों हो जाते है ? मन को निर्मल कैसे करे ? तन को निर्मल कैसे करे ? नारी शक्ति की महिमा क्या है ? परिवार में सुखी कैसे रहे ? स्वर्ग क्या है ? मुझे कोई भी समझ नहीं पाता है क्यों ? शरीर में सबसे बड़ा शक्ति केंद्र किस जगह है ? मन कैसे हमें उलझाता है ? हम बेवकूफ क्यों बन जाते है ? सब कुछ होने पर भी हम खुश क्यों नहीं रह पाते है ? अश्वथा का अर्थ क्या है ? जड़ तना शाखाएँ क्या है ? मनुष्ये और जानवर के शरीर में क्या अंतर है ? बीमारी जड़ से ख़त्म क्यों नहीं होती है ? हम बार बार बीमार क्यों होते है ?
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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क्रियायोग - हमे सुख और दुःख की अनुभूति क्यों होती है ?
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है