व्यवसाय में सफलता की गारण्टी | परमात्मा की महिमा
जब आप कोई भी व्यवसाय कर रहे हो जैसे कोई सॉफ्टवेयर कम्पनी चला रहे हो या कोई फैक्ट्री चला रहे हो या किसी भी क्षेत्र में व्यापार कर रहे हो तो जब आप पुरी ईमानदारी के साथ अपना 100 % योगदान दे रहे हो अर्थात आप शत प्रतिशत एकाग्र हो अपने काम में तो आप की पुरी ऊर्जा उस काम में लगने के कारण आप का ध्यान उस काम के फल पर नहीं जाता है और आप यह समझके काम करते हो की यह काम में नहीं परमात्मा स्वयं मेरे इस शरीर और मन बुद्धि के रूप में आकर कर रहे है तो फिर आप को परमात्मा से अपने व्यवसाय में सफलता की गारण्टी मिल जाती है
ऐसा करने से आप को परमात्मा से यह ज्ञान मिलने लगेगा की में मेरे कर्मचारियों से कैसा व्यवहार करू ताकि उनसे बिना शिकायते किये बहूत अच्छा काम करवा सकू। धीरे धीरे आप के सभी कर्मचारी आप के प्रति वफादार होने लगेंगे।
यदि आप 1 % शिकायत करोगे तो बदले में आप को कर्मचारियों की तरफ से 10 % शिकायते मिलेंगी और ऐसा करके आप लगातार अपने व्यापार में घाटे की तरफ बढ़ोगे।
जब आप तुलनात्मक रिस्क लेकर व्यवसाय करते हो तो आप को कर्जे के बोझ से मुक्ति मिल जाती है व्यवसाय में यदि आप अपनी क्षमता से ज्यादा कर्जा लेकर काम करते हो तो आप फिर एकाग्र होकर काम नहीं कर सकते क्यों की जैसे ही आप पुरे मन से एकाग्र होकर काम करने लगते हो तो कर्जा देने वाला सिर पर आकर खड़ा हो जाता है और आप उससे उलझकर अपनी एकाग्रता खो देते हो।
आप कोई भी व्यापार जैसे छोटा व्यवसाय कैसे करे ? ऑनलाइन बिज़नेस कैसे करे ? सब्जी का व्यापार कैसे करे ? कोनसा बिज़नेस करे जिससे ज्यादा प्रॉफिट हो ?, पत्तल-दोने का बिज़नेस कैसे करे , कपड़े का व्यापार कैसे करे , किराना दुकान का बिज़नेस कैसे करे , खुदरा व्यापार कैसे करे , ज्वेलरी बिज़नेस कैसे करे ऐसे तमाम बिज़नेस की गारण्टी के मालिक बन जाते हो।
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है