इस अभ्यास से मन को एकाग्र होना ही पड़ता है | परमात्मा की महिमा
➤इस वीडियो में यह समझाया जा रहा है की किस प्रकार मन को एकाग्र करे , मन की कार्य प्रणाली को कैसे समझे , मन किसे कहते है , मन को कैसे जाने , मन को किसी एक काम पर कैसे लगाए , मन एक काम पर क्यों नहीं रुकता है , किसी को अपनी बात कैसे समझाए , मन में उठने वाले विचारो को कैसे शांत करे , शुद्ध खाने पर भी बीमार क्यों होते है ,सबकुछ होते हुए हम अशांत क्यों होते है , प्रभु को कैसे प्रसन्न करे , भक्ति के लिए मन को कैसे मनाये .
➤ पुराने पापों से कैसे मुक्त हो , प्राकृतिक खेती कैसे करे , बुरे कर्मो से कैसे बचे , मन को आज्ञा चक्र पर कैसे लाये , घर में शांत कैसे रहे , कार्यक्षेत्र पर खुश कैसे रहे , सच्ची ख़ुशी कैसे मिले , लड़ाई को प्रेम में कैसे बदले , खुद के साथ कैसे खुश रहे , संसार में खुश कैसे रहे , मन की शक्ति को कैसे जगाये , सभी डरो से कैसे मुक्ति मिले , चिंतामुक्त जीवन कैसे जीए , सही धन कैसे कमाए , दुसरो को कैसे सुधारे .
➤आप सभी मित्रों से हमारा विनम्र निवेदन है की इस चैनल से एक टीवी एपिसोड की तरह जुड़े और निरन्तर परमात्मा की महिमा का अभ्यास करके खुद के स्वरूप को जाने . धन्यवाद जी . मंगल हो जी .
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है