मन को कैसे बदले इस विज्ञानं को समझे - भाग 3 | परमात्मा की महिमा
इस वीडियो में यह समझाया गया है की किस प्रकार एक व्यक्ति शुगर की बीमारी के विचार को अपने मन से बाहर निकाले, मन में विचार कैसे जड़े जमाते है , शरीर स्वस्थ होने के दौरान कमजोरी क्यों आती है , मन को बदलने के लिए क्या करना चाहिए , मन को शक्ति कहा से मिलती है , मन एक ही बात को बार बार क्यों दोहराता है , ज्यादातर बीमारी के विचार ही क्यों आते है , जीवन शक्ति बीमारी को कैसे ठीक करती है , विचारो के प्रदुषण से कैसे बचे , लोगो का मुँह कैसे बंद करे , लोग हमारे मजे क्यों लेते है , हम लोगो को पहचानने में धोखा क्यों खा जाते है , तीसरी आँख को जगाने के लिए क्या करना होता है , आज्ञा चक्र पर ध्यान करने से क्या होता है , श्वास के ऊपर ध्यान करने से क्या होता है .
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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क्रियायोग - हमे सुख और दुःख की अनुभूति क्यों होती है ?
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है