कठिन परिस्थिति में समता भाव में कैसे रहे ? | परमात्मा की महिमा
इस वीडियो में यह अभ्यास के माध्यम से समझाया गया है की कठिन परिस्थिति में भी समता भाव में कैसे रहे ?, अपने शब्दों पर नियंत्रण कैसे रखे , क्रोध को समय रहते कैसे संभाले , सोच समझकर कैसे बोले , हर परिस्थिति में संतुलन कैसे बनाये रखे , शब्दों का प्रहार कितना घातक होता है , शब्द ही संसार है , शब्द ही घाव देते है , शब्द ही मरहम लगाते है , उपयुक्त शब्दों का चुनाव कैसे करे , जरुरत पड़ने पर शब्दों का इस्तेमाल कैसे करे , विनम्रता की पहचान कैसे करे , किसी की वाणी को कैसे परखे , दुसरो के विचारो को कैसे पड़े , दुसरो के भावो को कैसे पड़े , झगड़ो से कैसे निपटे , समता कैसे पुष्ट करे , समता भाव को कैसे विकसित करे , शरीर और मन में संतुलन कैसे लाये , सही वार्तालाप कैसे करे .
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है