मन को एकाग्र करने का अभ्यास - भाग 1 | परमात्मा की महिमा
इस वीडियो में हमने एक ऐसा अभ्यास दिया है जिसे पुरे विश्वास से करने पर मन एकाग्र होता ही है , मन को समझने का विज्ञानं , प्रभु का अनुभव कैसे करे , ईश्वर अनुभूति का अभ्यास , मन को शरीर पर लाने की कला , मन और शरीर के बीच दूरी घटाए , अपने होने का अहसास करे , दर्द से मुक्ति का अभ्यास , बीमारी से मुक्ति का अभ्यास , कैसा भी तनाव हो गायब होकर रहेगा , चिंता से मुक्ति का अभ्यास , खुद से प्रेम करने का अभ्यास , शंका से मुक्ति का अभ्यास , डर से मुक्ति का अभ्यास , असाध्य रोगों से मुक्ति का अभ्यास , जीवन जीने की कला का अभ्यास , रचनात्मक शक्तियों को जगाने का अभ्यास , वहम से मुक्ति का अभ्यास , अफवाहों से मुक्ति का अभ्यास .
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है