यह तरीका अवचेतन मन में घुसकर ही दम लेता है | परमात्मा की महिमा
इस वीडियो में यह समझाया गया है की हम अवचेतन मन को क्यों नहीं बदल पाते है , अवचेतन मन को कैसे बदले , शिकायते बंद कैसे करे , अपने भाग्य का निर्माता कैसे बने , क्या सबकुछ पहले से निश्चित है , क्या भाग्य से ज्यादा मिल सकता है , क्या समय से पहले और भाग्य से ज्यादा मिल सकता है , खराब भाग्य को अच्छे भाग्य में कैसे बदले , हम अपने आप को बदल क्यों नहीं पाते है , विष्णु की शक्ति किसकी सुरक्षा करती है , परिवर्तन के लिए कोनसी शक्ति काम आती है , निर्माण के लिए किस शक्ति का उपयोग करते है , मन की गुलामी से मुक्ति कैसे मिले , मन के पीछे का विज्ञानं क्या है , अवचेतन मन किसे कहते है , क्या हम शरीर है , हम अपने आप को शरीर क्यों मानते है , माया पर विजय कैसे प्राप्त करे .
केवल परमात्मा का अस्तित्व है. परमात्मा सर्वव्यापी है परमात्मा कण कण में विराजमान है. परमात्मा का हर गुण अनंत है जैसे परमात्मा का एक गुण यह भी है की वे एक से अनेक रूपों में प्रकट होते है. निराकार से साकार रूप में प्रकट होना है : सृष्टि की उत्पति अर्थात निराकार से साकार रूप में प्रकट होना ,असंख्य जीव अर्थात एक से अनेक होने का गुण. मानव का लक्ष्य केवल परमात्मा को जानना है , खुद के स्वरूप को जानना है , परमात्मा और हमारे बीच दूरी शून्य है इसका अनुभव करना है , हर पल खुश कैसे रहे इसका अभ्यास करना है
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क्रियायोग - हमे सुख और दुःख की अनुभूति क्यों होती है ?
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परमात्मा की महिमा में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन है