पति पत्नी का रिश्ता मधुर कैसे बनाये
इसके लिए मै पहले पति की पत्नी के प्रति जिम्मेदारियाँ समझा रहा हूँ
अब आप की शादी हो चुकी है . और चाहे कैसी भी परिस्थिति में आप की शादी हुयी है आप खुद की और समाज की नज़र में एक शादीशुदा व्यक्ति बन चुके है . और ऐसा आप के संचित कर्मो के कारण हुआ है . वरना आप यदि इस शादी से खुश नहीं थे तो आप इस शादी को रोक भी सकते थे . पर ऐसा नहीं हुआ .
इससे क्या सिद्ध होता है ?
- आप की पत्नी आप के ही संचित कर्मो का फल है
- इसलिए इस फल को कैसे सुरक्षित करना है यह आपका कर्तव्य है
- परमात्मा आप के साथ यही करके आप को सच्ची ख़ुशी देना चाहते है
- इसलिए सबसे पहले आप अपनी शादी को शत प्रतिशत सही स्वीकार करे
- अब अपने शादीशुदा रिश्ते को पूरी जाग्रति के साथ देखना शुरू करे
जब आप ऊपर बताये गए उपाय करने लगेंगे तो निम्न चमत्कार होंगे
- आप परमात्मा के गुणों से जुड़ने लगेंगे
- आप की प्राण शक्ति बढ़ने लगेगी
- आप को शादी का महत्व समझ में आने लगेगा
- आप को पत्नी के साथ किया गया व्यवहार सही रूप में समझ में आने लगेगा
- आप ने क्या क्या गलतियाँ की है वे सब अब आप को साफ़ साफ़ समझ में आने लगेगी
- अब आप का मन पत्नी और समाज के बीच तालमेल बिठाना सीखेगा
- पत्नी के माध्यम से आप कैसे तरेंगे यह अब आप को ठीक से समझ में आने लगेगा
इस प्रकार से और भी नये नये चमत्कार होना शुरू हो जायेंगे .
इन चमत्कारों का पति पत्नी के मधुर रिश्ते से क्या सम्बन्ध है
जब एक पति अपने रिश्ते को पूरी जाग्रति के साथ जीने लगता है तो इसे ही परमात्मा ‘क्रियायोग ध्यान का अभ्यास रिश्ते के लिए ‘ कहते है .
अर्थात पति जब ऊपर बताया गया अभ्यास करता है तो उसे नारी के गुणों का ज्ञान होने लगता है . वह समझने लगता है की खुद परमात्मा ही मेरी पत्नी के रूप में मेरे साथ रह रहे है . और इस अभ्यास से पत्नी का असली सौन्दर्य पति को समझ में आने लगता है .
इस अभ्यास का प्रभाव पति में क्या क्या बदलाव करता है
- पति अब पत्नी की बात को ध्यान से सुनने लगता है
- पति का पत्नी के प्रति धैर्य बढ़ने लगता है
- पति अब पत्नी को दोष देने के बजाय सुलह पर बात करता है
- पति के शब्दों में पत्नी के लिए एक सम्मान प्रकट होने लगता है
- पति अब पत्नी से शिकायत के बजाय समाधान पर बात करता है
- पति का अब पत्नी में विश्वास बढ़ने लगता है
- पति अपनी पत्नी की इच्छा को पूरी करने के लिए अब समझ से काम लेता है
- पति अब एक नारी का समाज के लिए क्या महत्व है इसे ठीक से समझने लगता है
अब मै पत्नी की पति के प्रति जिम्मेदारियाँ समझा रहा हूँ
सबसे पहले पत्नी को यह समझना चाहिए जिन माता पिता ने मुझे जन्म दिया है , आज उन्होंने ने मुझे पराया कर दिया है . इसका मतलब इसके पीछे परमात्मा की बहुत बड़ी योजना कार्य कर रही है .
क्यों की जो माँ अपनी बेटी को बड़ी करने के लिए इतने कष्ट सहन कर सकती है तो क्या यही माँ इसी बेटी को खुद से दूर कर सकती है ?
अवश्य ही इसमें परमात्मा का गहरा राज छिपा है . अर्थात परमात्मा पति पत्नी के रूप में जो स्वप्न देख रहे है उसमे परमात्मा ने ही प्रकृति के माध्यम से कुछ नियम बनाये है .
एक पत्नी अपना किरदार पति के साथ कैसे ठीक से निभाए
इस किरदार को ठीक से निभाने से पहले पत्नी को निम्न बातों को समझना जरुरी है :
- पत्नी जब अपनी माँ को खुद की समस्या बताती है तो माँ के जवाब को ध्यान से समझे
- पत्नी जब अपनी समस्या अपने पिता को बताती है तो पिता के जवाब को ध्यान से समझे
- पत्नी को आस पास के लोगों की बात को सही से सुनना चाहिए ताकि सच्चे हितेषी का पता चल सके
- पत्नी को वे सभी वादे फिर से याद करने चाहिए जो उसने शादी के समय अपने पति से किये थे
- पत्नी को अपने पति में ही परमेश्वर का रूप देखने का निरंतर अभ्यास करना चाहिए
- पत्नी को पति से झगड़ने से पहले अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए
- पत्नी को पति के व्यवहार को शत प्रतिशत स्वीकार करना चाहिए . क्यों की जो दोगे वही मिलेगा
- पत्नी को अपने पति की तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए
- पत्नी को अपने पति के लिए सजना चाहिए ना की बाहर के लोगों को दिखाने के लिए
- पत्नी को पति की शिकायत करने के बजाय अपने रिश्ते को बेहतर बनाने पर काम करना चाहिए
जब पति पत्नी में झगड़ा हो तब क्या करे
दोनों को इस झगड़े को पूरी एकाग्रता से करना चाहिए . तो आप देखेंगे की अब ये पति पत्नी झगड़ा ही नहीं कर पा रहे है . अर्थात झगड़ा हमेशा बेहोशी में ही संभव होता है .
यदि आप होशपूर्वक झगड़ा करेंगे तो क्या होगा ?
- आप को यह लगेगा की मै पागल की तरह यह सब क्या कर रहा हूँ या रही हूँ
- आप को झगड़े में प्रयुक्त शब्दों के प्रभाव का ज्ञान होने लगेगा
- आप को पता चल जायेगा की अब चुप रहने में ही फायदा है
- आप अपनी प्राण शक्ति बचाने में कामयाब होने लगेंगे
- आप को रिश्ते की पवित्रता दिखाई देने लगेगी
- आप को बच्चों के सामने खुद की इज्जत कम होते हुए दिखाई देगी
- आप खुद समझ जायेंगे की मै खुद बच्चों को क्या संस्कार दूंगा या दूंगी
- आप को समाज के प्रति अपने कर्तव्य का ज्ञान होने लगेगा
- आप प्रकृति से जुड़ने लगेंगे
- आप को परमात्मा का अहसास होने लगेगा.
पति पत्नी का रिश्ता मधुर करने का अभ्यास कैसे करे
- पहले खुद से बात करने का रोज समय निकाले
- फिर एक दूसरे से बात करने का रोज समय निकाले
- पहले सामने वाले की बात को पूरी जाग्रति के साथ ध्यान से सुनने की आदत डाले
- सामने वाले की बात पूरी होने के बाद आप केवल मुद्दे पर ही बात करे
- आप के बोलते समय यदि सामने वाला बीच में बोले तो उससे प्रेम से उसकी गलती को बताये
- यदि आप सामने वाले से ठीक से व्यवहार करेंगे तो सामने से भी सही व्यवहार ही होगा
- आप दोनों खुश रहेंगे तभी आप के बच्चे खुश रहेंगे इस विचार को बार बार याद करे
- आप खुश रहेंगे तो ही आप के ऊपर से काम का बोझ हल्का होता जायेगा
- आप का परिवार खुश होगा तो रिश्ता अपने आप मधुर होने लगेगा
- परिवार खुश होगा तो थोड़े धन में भी अच्छी बरकत होने लगेगी .
- अनावश्यक खर्च रोकने पर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करने का अभ्यास करे
- जब घर में केवल जरुरी सामान ही बसायेंगे तो पति पत्नी खुश रहने लगेंगे
- घर की हर चीज का पता दोनों को रहना चाहिए
- मोबाइल का पासवर्ड दोनों को पता होना चाहिए
- किसी भी बाहरी व्यक्ति का घर में प्रवेश की जानकारी दोनों को रहनी चाहिए
- दोनों एक दूसरे से कुछ भी न छिपाए
- दोनों साथ में कही घूमने जाए तो पहले रिश्ते की ख़ुशी फिर किसी सामान की ख़ुशी को प्राथमिकता दे
धन्यवाद जी . मंगल हो जी.