क्रियायोग – लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन कैसे काम करता है ?

आज मै आप को यह समझा रहा हूँ की लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन कैसे काम
करता है
?.

यह पूरा संसार ऊर्जा से निर्मित हो रहा है और प्रतिक्षण यह
ऊर्जा रूपांतरित हो रही है . आप का मन भी ऊर्जा ही है जिसके पीछे परमात्मा की
शक्ति कार्य कर रही है . जब आप क्रियायोग का अभ्यास करते है तो आप को यह भी पता
चलने लगता है की आप की श्वास ही आप के शरीर के रूप में बदल रही है . आप जो श्वास
लगातार ले रहे है वह आप के अवचेतन मन की प्रोग्रामिंग के अनुसार शरीर रूप में और
आप के पुरे वातावरण के रूप में बदल रही है . अर्थात जैसी आप की अवचेतन मन की
प्रोग्रामिंग होगी आप के लिए पूरा संसार इस प्रोग्रामिंग का आउटपुट होगा
.

जैसे आप एक प्रयोग करके देख सकते है की यदि आप को इसी क्षण
बहुत खुश होना है बल्कि अभी आप असहज महसूस कर रहे है तो आप निम्न प्रकार से इस
प्रयोग को करके देखे और हाथोहाथ इसका परिणाम आप खुद महसूस करेंगे :

आप किसी शांत स्थान पर बैठे या जैसी भी
स्थिति में आप को सहजता महसूस हो वैसी स्थिति में आ जाए . अब आप पहले धीरे धीरे
अपनी श्वास से जुड़ने का अभ्यास करे अर्थात आप की श्वास जैसी भी चल रही है आप को
पूर्ण सजगता से इस श्वास के साथ एक हो जाना है . अब आप अभी खुश होना चाहते है तो
आप पहले अपने मन में अपनी ख़ुशी को साफ़ साफ़ कल्पना के माध्यम से अर्थात अपनी रूचि
अनुसार इसका बिलकुल साफ़ दृश्य बनाये . अर्थात आप का लक्ष्य सबसे पहले पूर्ण रूप से
साफ़ होना चाहिए इसमें संदेह नहीं होना चाहिए . मेने मान लिया है की आप ने अमुक
प्रकार की ख़ुशी का दृश्य अपने मन की कल्पना शक्ति से अपने मन के भीतर बना लिया है
.

अब आप इतनी देर से श्वास के प्रति जाग्रत थे . अब आप अपनी
पूरी श्वास को बाहर निकाल दे और श्वास लेने की क्रिया को रोक दे . थोड़ी देर में आप
का दम घुटने लगेगा . आप अपनी पूरी क्षमता के साथ यह क्रिया करे . जब आप ने श्वास को रोक रखा है तो आप का अवचेतन मन जो इतने समय
से आप की श्वास को आप को बिना बताये ले रहा था अब इसकी एक एक कोशिका आप से इसी
श्वास की मांग कर रही है . यह सभी कोशिकाएं श्वास लेने के लिए तड़प रही है और आप से
प्रार्थना कर रही है की हमे श्वास चाहिए नहीं तो हम मर जायेंगे . अब बाजी आप के
हाथ में है
. आप को यह तो पता चल ही गया है की आप का अवचेतन मन ही आप
की श्वास को दृश्य रूप में या किसी भी अहसास के रूप में बदल रहा है . तो रुकी हुयी
श्वास के दौरान अब आप अपने अवचेतन मन से कहे की मुझे अभी खुश करो . बार बार यह
अभ्यास करे . तो आप का अवचेतन मन कहेगा की ठीक है मै आप को अभी ख़ुशी का अहसास करा
दूंगा पहले मुझे श्वास तो लेने दीजिये . उसी श्वास से तो मै आप को खुश करूँगा .
ठीक इसी प्रकार आप कोई अन्य इच्छा साकार कर सकते है . इन सब क्रियाओं में बहुत ही
धैर्य की आवश्यकता होती है . आप का लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए . पहले आप यह पता
करले की आप चाहते क्या है
?.
इन सबमे कितना
समय लगेगा
?.

यह आप की दृढ़ इच्छाशक्ति , लगन , नियमितता , पवित्रता , गोपनीयता , श्रद्धा , भक्ति और विश्वास पर निर्भर करता है .

यह पूरा संसार लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन पर ही कार्य कर रहा है . आप
जाने अनजाने में लॉ ऑफ़ अट्रैक्शन का प्रयोग ही कर रहे है .

प्रभु का यह लेख यदि आप को फायदा पहुँचाता है
तो आप की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है की आप इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक
भेजकर हमारे इस सेवा मिशन में आप का अमूल्य योगदान देकर प्रभु के श्री चरणों में
अपना स्थान सुनिश्चित करे . धन्यवाद जी . मंगल हो जी .

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