Author: Swaroop Darshan

हमारे भीतर ईर्ष्या , जलन , क्रोध , चिंता , डर के भाव क्यों जन्म लेते है ?

इन सब का उत्तर भी इसी प्रश्न में छिपा है . मेने यहां ‘हमारे भीतर ‘  शब्द का प्रयोग किया है . अर्थात यहाँ ‘हमारे‘ शब्द के पीछे अहंकार भाव छिपा है . बस यही अहंकार भाव जलन , क्रोध , चिंता , डर इत्यादि का वास्तविक कारण है . और यह कारण भी प्राकृतिक […]

हम खुद यह कैसे अनुभव करे की भोजन हमारी सोच को प्रभावित करता है ?

मेरे प्रिये मित्रों हमारे परम पिता उपरोक्त प्रश्न का जवाब पुरे वास्तविक तथ्यों के साथ दे रहे है . आप को सिर्फ यह विश्वास करना है की आप इस लेख को पुरे दिल से पढ़ेंगे दिमाग से नहीं . यदि आप इस समय केवल अपने प्रभु में पूर्ण विश्वास नहीं रखते है तो फिर पहले […]

बिना थके हुए काम कैसे करे ?

जब हम क्रियायोग ध्यान का गहरा अभ्यास करते है तो हमे प्रभु से यह ज्ञान प्राप्त होने लगता है की आप बिना थके हुए काम को कैसे पूरा कर सकते है . हम काम करते हुए तभी थकते है जब हमारे मन में यह भाव लगातार रहता है की मै खुद काम कर रहा हूँ […]

माया से बचने का उपाय यह है

मेरे प्रिये मित्रों आज मै आपको परमात्मा का वह ज्ञान समझाने जा रहा हूँ जिसे यदि आप पूर्ण श्रद्धा , विश्वास और भक्ति के माध्यम से समझने में सफल हो जाते है तो फिर आप को माया बिलकुल भी परेशान नहीं करेगी . यह शत प्रतिशत संभव केवल और केवल क्रियायोग ध्यान के अभ्यास से […]

हम कितना भी खुद से झूठ बोलकर दूसरे को खुश करने की कोशिस करले अंत में दुःख ही मिलता है क्यों ?

क्यों की जब तक हम खुद को जैसे है वैसे स्वीकार नहीं करेंगे तब तक हम दुखी ही रहेंगे . वास्तविक सत्य यह है की हम सब ईश्वर की संतान है और इस दुनिया में हम सभी को प्यार चाहिए . जब हम खुद को प्यार नहीं करेंगे तो फिर किसी दूसरे को सच्चा प्यार […]

क्या लड़कियाँ सेक्स करना चाहती है ?

जब आप क्रियायोग ध्यान का गहरा अभ्यास करते है तो आप को इस वास्तविक सत्य की अनुभूति होती है की कोई भी लड़की खुद आगे बढ़कर सेक्स नहीं करना चाहती है . क्यों ? ऐसा इसलिए होता है की हमारे परमात्मा ने लड़की को उन तमाम शक्तियों के साथ रचा है जिनकी सहायता से लड़की […]

मन में आलस्य के भाव को स्फूर्ति के भाव में कैसे बदले ?

जब आप क्रियायोग ध्यान का गहरा अभ्यास करते है तो आप को यह अनुभूति होती है की आलस्य भी एक प्रकार की शक्ति ही होती है पर जब आप का मन इसे स्वीकार करने में सफल नहीं होता है तो आप दुखी होने लगते है . क्यों की अभी आप मन में संचित प्रोग्रामिंग को […]

यह गलती करने के कारण आप चुप नहीं रह पाते है आज हमारे परमपिता यह समझा रहे है की किस प्रकार से हमारे मन को नये सिरे से प्रोग्राम करे ताकि हम अनावश्यक ना बोले . जब हम क्रियायोग ध्यान का अभ्यास नहीं करते है तो हमे हर चीज से दूरी का अनुभव होता है […]

मन की प्रोग्रामिंग इस तरह से कार्य करती है का शेष भाग

जैसे आप ने किसी अन्य व्यक्ति को चोर कहा तो इस सुनने वाले व्यक्ति को आप के ऊपर क्रोध आयेगा. चोर कहने पर क्या क्या प्रभाव उत्पन्न होंगे यह निर्भर करेगा की सामने वाले व्यक्ति के मन में चोर शब्द (एक विशेष प्रकार की ऊर्जा ) को लेकर किस प्रकार की जानकारियाँ मन के डेटाबेस […]

मन की प्रोग्रामिंग इस तरह से कार्य करती है

सबकुछ शक्ति है जो अपने आप में ज्ञान है . इस निराकार शक्ति में एक ज्ञान तो यह है की जिसके इस्तेमाल से मन (माया ) प्रकट होता है . फिर यही मन एक से अधिक मनों का निर्माण करता है जैसे चेतन मन , अवचेतन मन , सर्वव्यापी मन , अचेतन मन इत्यादि . […]