Tag: मन क्या है

क्या मन और शरीर दो अलग अलग भाग है ?

नहीं . शरीर मन का ही घनीभूत रूप है . अर्थात निराकार प्रकाश कण कण में व्याप्त रहते हुए भी दृश्य जगत के रूप में प्रकट हो रहा है . परमात्मा की इसी क्रिया के कारण समय , दूरी और द्रव्यमान प्रकट हो रहे है . वास्तविकता में समय , दूरी और द्रव्यमान का अस्तित्व […]

मै यह कैसे अनुभव करू की मेरे माध्यम से परमात्मा ही सबकुछ कर रहे है ?

इसे आप इसी क्षण अनुभव कर सकते है . आप अपना मुँह औऱ नाक अभी बंद करके देखे औऱ तब तक देखते रहे जब तक दम नहीं घुटने लग जाए . अब आप को कुछ समय बाद नाक या मुँह से श्वास लेनी ही पड़ेगी . यदि आप खुद कुछ कर रहे होते तो फिर […]

मन को सृजन की क्रिया से जोड़ने पर आप हर पल खुश रहने लगते है

आज हम क्रियायोग ध्यान के उन हिस्सों को छूने का प्रयास करेंगे जिनको छूने पर आप को वास्तविक ख़ुशी की अनुभूति होगी . जैसे एक स्त्री कई वर्षो से एक संतान को जन्म देना चाहती है . उसके मन में यह अभिलाषा है की ओर स्त्रियों की भांति उसके भी घर के आँगन में एक […]

मन के भटकाव को रोककर प्रभु से कैसे जुड़े ?

आप प्रभु से तभी जुड़ पाते है जब आप को किसी अन्य कार्य में ख़ुशी नहीं मिलती है . अर्थात जब आप सब जगहों से थक जाते हो और आप को यह अहसास होने लग जाता है की मेरा अब यहां कोई नहीं है तब आप का मन अपने आप ही प्रभु से जुड़ने लगता […]

पहले पेट में गैस की समस्या से मुक्ति पाये फिर ध्यान में बैठे

जब तक हम पेट में गैस की समस्या से पीड़ित रहेंगे तब तक हम गहरे ध्यान में बैठ ही नहीं सकते . तो फिर क्या करे ? सबसे पहले हमे यह समझना है की पेट में गैस क्यों बनती है और फिर पेट की गैस का स्थायी समाधान क्या है इसे समझना है . पेट […]

मेरे प्रभु आज माया और ब्रह्म को गहराई से समझा रहे है

मै निराकार और साकार दोनों हूँ . मै ही संघनित होकर साकार रचना (माया) का निर्माण कर रहा हूँ . और मै ही लोगों में यह संदेह पैदा करता हूँ की मै अलग हूँ और आप अलग है . तभी तो मै मेरी लीला का आनंद ले पाता हूँ . यदि मै मेरे बच्चे को […]

क्या भगवान कृष्ण ने माखन खाया था ?

मेरे प्रिये मित्रों आज परमात्मा की कृपा से आप का यह मित्र आप के भीतर दिन रात चलने वाला यह प्रश्न की क्या भगवान कृष्ण ने माखन खाया था ?. क्यों की आज पूरी दुनिया में ज्यादातर मेरे मित्रों का मानना है की गाय का माखन , घी , दूध , दही , पनीर , […]

हमें अपमान की अनुभूति क्यों होती है ?

हमारे परमात्मा आज इसे बहुत ही सरल तरीकों से हमे समझा रहे है की आखिर हमे अपमान महसूस क्यों होता है . जैसे हम दो मित्र कही रिश्तेदारी या किसी अन्य जगह जाते है या किसी मंच पर सभी विभागों के मंत्री विराजमान है और प्रधानमन्त्री कुछ विशेष मंत्रियो का ही नाम अपने भाषण में […]

किसी भी भाषा का आविष्कार कैसे होता है ?

भाषा का निर्माण भी हमारा मन ही करता है . जैसे एक नवजात शिशु जन्म के साथ एक भाषा कोड लेकर पैदा होता है जो मेडुला में डीएनए के रूप में जमा रहता है . अब यह निराकार शक्ति तय करती है की इस शिशु को जीवन के रंग मंच पर क्या रोल अदा करना […]

लोगों से जितना बचोगे उतना ज्यादा फसोगे

आज हमारे प्रभु उस दिव्य ज्ञान को प्रकट कर रहे है जिसे यदि आप प्रभु की कृपा से भीतर तक पूरी समझदारी के साथ उतार लोगे तो फिर आप को लोगों से शिकायत नहीं रहेगी . सबसे पहले तो हमे खुद को नश्वर शरीर समझने की गलती को नहीं दोहराने का संकल्प लेना है . […]