रात दिन की माथाफोड़ी का अचूक उपाय इस लेख में दिया गया है .
हम इस लेख में निम्न प्रश्नों का उत्तर समझेंगे :
- माथाफोड़ी किसे कहते है ?
- माथाफोड़ी कौन करता है ?
- हम माथाफोड़ी क्यों करते है ?
- माथाफोड़ी कैसे करते है . उदाहरण से समझे
- रात दिन की माथाफोड़ी का स्थायी इलाज ?
आइये अब समझते है ……
माथाफोड़ी किसे कहते है ?
- जब दो व्यक्ति दो घंटे से एक ही बात को लेकर उलझ रहे है
- जब आप दो घंटे से किसी को बिना जरुरत समझा रहे है
- जब आप दो घंटे से एक ही बात को नहीं समझ पा रहे है
- जब पत्नी छोड़ कर चली गयी पर आप गुड़ अजवायन लेकर उसके पीछे भाग रहे है
- जब खुद के पैसे मांगने पर सामने वाला डंडा लेकर आप की तरफ आता है
- किसी के बीच पैसे की लेन देन में पढ़कर अपनी जामणी (जमानत) दे देना
- जब आप ने राय मांगी ही नहीं पर सामने वाला दो घंटे से आप को समझा रहा है
- जब बहुत देर बाद आप को पता चले की आप दो घंटे से एक बहरे व्यक्ति को समझा रहे थे
- जब सामने वाले ने गलती कर दी पर मान नहीं रहा है
- जब आप के खेत की सीमा में पड़ोसी घुस जाए
- जब कोई चोरी का माल आप के प्लाट में आप को सम्भला के चला जाए
- जब आप को कोई चोरी का माल बेचकर चला जाए और पुलिस आप को अंदर कर दे
- जब आप के सम्मान में आपका प्रसंशक भोज दे और वहाँ पर रेड पड़ जाए
- जब आप को मिला इनाम कुछ समय बाद वापस लेले
ऐसे माथाफोड़ी के अनेक उदाहरण है
अब बात करते है
रात दिन – माथाफोड़ी कौन करता है ?
- जिसकी यादास्त चली गयी हो
- जिसे दूसरे का माल खुद का लगता हो
- जिसकी रुँगट खाने की आदत हो
- जो हमेशा जल्दबाजी में काम करता हो
- जो दूसरों को देखकर जलता हो
- जिसे दूसरे की थाली में घी नज़र आता हो
- जिसे दूर के डूँगर अच्छे लगते हो
- जो दूसरे की स्त्री को बुरी नज़र से देखता हो
- जिसमे अपने पराये का भाव हो
- जिसको खुद की गलती नज़र नहीं आती हो
- जो किसी की नहीं सुनता हो अर्थात एक अच्छा श्रोता नहीं हो
- जिसकी कथनी और करनी में अंतर हो
- जो सत्य और अहिंसा के मार्ग से भटक गया हो
- जो जैसा दिखता हो उसी को सच मान लेता हो , अपनी आत्मा से नहीं पूछता हो
इस प्रकार से और भी अनेक प्रकार के व्यक्ति इस संसार में है . जिन्हे हमेशा माथाफोड़ी करने में ही आनंद आता है .
दोस्त अब समझते है की हम
हम माथाफोड़ी क्यों करते है ?
- क्यों की हम कुल्हिया में गुड़ फोड़ते है अर्थात कुलड़ी में गुड़ फोड़ना
- क्यों की हम गड़े मुर्दे उखाड़ते है
- क्यों की हम लाचारी काटते है
- क्यों हम ज्यादा ही लाड प्यार में बिगड़ गए है
- क्यों की हमने कुछ ज्यादा ही राजसिक और तामसिक भोजन खा लिया है
- क्यों की हम बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना बनकर जीवन जीते है
- क्यों की हम खुद को चतुर और सामने वाले को मुर्ख समझते है
- क्यों की हम खुद चीजों को काम में लेने के बाद वापस उसी जगह नहीं रखते है
- क्यों की हम माया को सच मानकर परमात्मा से दूरी मानते है
- क्यों की अभी हमारे दिया तले अँधेरा है
- क्यों की हम खुद की बजाय दूसरों को सुधारना चाहते है
- क्यों की अभी हम बेहोशी में जीवन जी रहे है
- क्यों अभी हमें एक दूसरे पर यह विश्वास नहीं हो रहा है की हम ईश्वर की संतान है
- क्यों की हम भावनाओं में बहकर मर्यादा को भूल जाते है
- क्यों की हम आलस्य के कारण या अँधविश्वास के कारण जरुरी शर्तो को लिखते नहीं है
- क्यों की हम खुद के लोभ लालच के कारण पारदर्शक बात नहीं करते है
- क्यों की हम फटे में पैर डालते है
दोस्त अब चलते है आगे की जानकारी के लिए.
सर जी आगे तो प्रभु बहुत ही गजब के उदाहरणों से माथाफोड़ी को समझा रहे है
माथाफोड़ी कैसे करते है . उदाहरण से समझे

- पहले सामने वाला आप से प्यार मोहब्बत की बाते करेगा
- फिर आप को वह आप की मदद करते हुए दिखाई देगा
- जैसे आप उसे गीता ज्ञान देंगे तो वह आप को सम्पूर्ण गीता ज्ञान देगा
- जब आप उससे पाँच हज़ार रूपए उधार मांगेंगे तो वह शुरू में आप को दस हज़ार देगा
- और कहेगा रख ले बेटा. तू तो मेरे राहुल जैसा ही है
- फिर कभी आप उससे दस हज़ार रूपए लेकर आ जायेंगे तो कभी बीस हज़ार रूपए
- ऐसे करते करते वह आप को एक सच्चा मित्र दिखाई देने लगेगा
- अब एक दिन अचानक आप के पास आकर एक ऐसी समस्या रो देगा जिसमे खर्चा बीस लाख का है
- और आप ने उससे अब तक एक लाख रूपए ही लिए है
- अब जब आप उसकी इस समय मदद नहीं करेंगे तो पहले तो वह आप के घर में माथाफोड़ी छेड़ देगा
- और थोड़ी देर बाद वह खुद भी माथाफोड़ी करने का सांग करके आप के पास आ जायेगा
- फिर आप का परिवार और उसका परिवार माथाफोड़ी का धमाल करेंगे
- फिर इस माथाफोड़ी को नये रंग देने के लिए रिश्तेदारों को बुलाया जायेगा
इस रात दिन की माथाफोड़ी में आप के रिश्तेदारों का कमाल
- आप का ससुर सबसे पहले खुद की बेटी को बचायेगा
- और यदि आप का ससुर से तालमेल बहुत बढ़िया है तो फिर वह आप को बचायेगा
- इसी प्रकार सामने वाले के रिश्तेदार उनके सगो को बचायेंगे
- अपने अपने सगो को बचाने के कारण ही माथाफोड़ी की यह पिक्चर सुपरहिट होने जा रही है
- और यदि आप की पत्नी लड़ने में कमजोर है तो वह आप को बार बार माथाफोड़ी के बीच में
- कमरे में आने को कहेगी और कुछ खाने पिने के लिए मनायेगी और फिर कहेगी
- कुछ खाओगे पियोगे तब ही तो इस माथाफोड़ी सुपरहिट पिक्चर में आप हीरो बनकर निकलोगे
- अब पत्नी कह रही है थोड़ा तो खालो और आप का शैतानी दिमाग कह रहा है पहले बाहर जाकर
- माथाफोड़ी का इलाज कर. और आप एक बार फिर से पत्नी से माथाफोड़ी करके बाहर आ जाते है
- अब आप आव देखते ह न ताव सीधे डंडे से सामने वाले के सिर में वार कर देते है और
- इस प्रकार माथाफोड़ी की इस पिक्चर में एक दूसरे पर डंडो की बरसात होने लगती है
- फिर इतनी देर में गाँव के आस पास के लोग आ जाते है
अब गाँव के लोगों का रात दिन की माथाफोड़ी में रोल देखिये
- कोई तो आप के लिए कहेगा अरे यार यह तो बहुत सीधा व्यक्ति है इसे क्यों पीट रहे हो
- कोई कहेगा आप में ऐसा ही होना चाहिए था
- कोई कहेगा पचास हज़ार रूपए दो तो मै इस माथाफोड़ी को अभी शांत कर दूंगा
- कोई कहेगा माथाफोड़ी में कुछ नहीं धरा मिल बैठकर फैसला करलो
- फिर आप कहेंगे मै तो बैठने के लिए तैयार हूँ आप उनको बिठाओ
- जब गांव का कोई व्यक्ति सामने वाले को बैठकर फैसला करने की बात कहेगा तो सामने वाला
- कहेगा मै तो बैठने के लिए तैयार हूँ पहले आप उसको (आप के लिए ) बिठाओ
- इस प्रकार कोई भी अपने अहंकार को त्यागकर राजी राजी माथाफोड़ी करना बंद नहीं करेंगे
- जब गाँव वाले आप दोनों समूहों को समझाते समझाते थक जायेंगे तो वे अपने अपने घरों में घुस जायेंगे
गाँव वालो के बाद
चलिए जानते है इस माथाफोड़ी में रिश्तेदारों का हाल
- यदि आप की इस माथाफोड़ी में एक भी रिश्तेदार के डंडे की चोट लग जायेगी
- तो अब आपका बी पी ऊपर निचे हो जायेगा
- ऐसे माथाफोड़ी करते करते आप के और सामने वाले के रिश्तेदार भी अपने अपने घर चले जायेंगे
- क्यों की आप ने माथाफोड़ी करने के लिए रिश्तेदारों को पैसे नहीं दिए है
- बिना पैसो के वे कब तक आप के लिए माथाफोड़ी करते रहेंगे
- मान लो आज वे आप की इस माथाफोड़ी को बिना पैसो के शांत भी करदे
- पर आप की गारंटी कौन ले ? की आप आगे फिर नयी माथाफोड़ी लेकर नहीं आएंगे
- इसलिए आप के रिश्तेदार भी आप के ऊपर ठण्डे छींटे देकर खुद के घर चले जायेंगे
अब आप दोनों के रिश्तेदारों के जाने के बाद की सुपरहिट फिल्म ‘रात दिन की माथाफोड़ी ‘ देखे
सुपरहिट फिल्म ‘रात दिन की माथाफोड़ी’
- अब आपको सभी लोग बुरे नज़र आने लगेंगे
- अब आप को उस दिन की पांच हज़ार रूपये की मदद जी का जंजाल नज़र आने लगेगी
- अब आप को पूरा परिवार बेगाना नज़र आने लगेगा
- अब आप कहेंगे यहां कोई किसी का नहीं है
- अब आप सभी को शक की नज़र से देखने लगेंगे
- अब आप चिंता , अवसाद , डर , बेचैनी और घबराहट के शिकार होने लगेंगे
- अब आपको कई विभिन्न रंगो की बीमारियाँ घेरने लगेगी
- अब आप इस माथाफोड़ी को रोज रोज नये रंग देने के लिए कई प्रकार के व्यसन करने लगेंगे
- जैसे कभी चटपटा भोजन , कभी बीड़ी सिगरेट , कभी नशा पता कभी कुछ और मशाला
- इस प्रकार से आप धीरे धीरे इस रात दिन की माथाफोड़ी पिक्चर में इस तरह से रंग जायेंगे की
- लोग आप को देने के लिए आप के पीछे बेस्ट माथाफोड़ी कलाकार का अवार्ड लेकर भागेंगे
- अब आप आगे आगे और लोग पीछे पीछे भागेंगे
- और अंत में जब आप चारो तरफ से थक हार के बैठ जायेंगे और आप के पास कोई नहीं रहेगा
- तब आप को परमात्मा याद आयेंगे
- अर्थात जब आप का माया से पूरी तरह मोह भंग हो जाता है तो ही आप को प्रभु याद आते है
अंत में हम समझते है
रात दिन की माथाफोड़ी का स्थायी इलाज
- जब अंत में आप प्रभु को याद करते है तो आप को इसका स्थायी समाधान दिखने लगता है
- और यदि आप माथाफोड़ी की शुरुआत में ही क्रियायोग ध्यान से जुड़ जाते है तो फिर
- आप के साथ उपरोक्त स्थिति की नौबत नहीं आती है
- क्यों की जब आप क्रियायोग ध्यान का अभ्यास करते है तो आप सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते है
- इसलिए आप किसी से बिना वास्तविक जरुरत के पैसो की मदद नहीं मांगते है
- और यदि आप पैसो की मदद लेते भी है तो पूरी तरह जाग्रत होकर लिखित में यह काम करते है
- और भीतर आप को यह अहसास रहता है की मुझे इस अमुक व्यक्ति को पैसे समय पर लौटाने है
- क्रियायोग ध्यान का अभ्यास आपको गलत आदतों की गुलामी से मुक्त करता है
- क्रियायोग ध्यान आपको चीजों के संग्रह करने की प्रवृति से मुक्त करता है
- क्यों की क्रियायोग ध्यान से आप को अनुभव होता है की मेरे और सामने वाले के रूप में प्रभु ही है
- इसलिए आप हर प्रकार का कर्म करते हुए अपनी मर्यादा को ध्यान में रखते है
मर्यादा में रहने के कारण रात दिन की माथाफोड़ी ख़ुशी में बदलने लगती है
- आप रात दिन की माथाफोड़ी से इसलिए बच जाते है की आप परिवार में और बाहर किसी को नहीं बदलते है
- इस अभ्यास से माथाफोड़ी की जगह आप में लोगों से कैसे मधुर रिश्ता रखे इसका ज्ञान होने लगता है
- जब आप माथाफोड़ी करते हुए क्रियायोग ध्यान का अभ्यास करते है तो आपको खुद की मूर्खता पर हँसी आती है
- इसलिए फिर आप धीरे धीरे इस रात दिन की माथाफोड़ी को प्रभु के सामने समर्पित करने लगते है
- और प्रभु तो पहले से ही आप की इस रात दिन की माथाफोड़ी को लेने के लिए तैयार रहते है
- बस आप ही को क्रियायोग ध्यान का नियमित रूप से अभ्यास करके प्रभु की तरफ सम्मुख होना है
- अब आप यह पूर्ण विश्वास करलो की आप के रूप में प्रभु ही सबकुछ कर रहे है
- इस प्रकार के अभ्यास से आप अपने आप ही सत्य और अहिंसा के मार्ग पर आने लगेंगे
- मर्यादा में रहने के कारण रात दिन की माथाफोड़ी ख़ुशी में बदलने लगती है
- इस क्रियायोग ध्यान के अभ्यास से आप का भोजन सात्विक होने लगता है जिससे
- आप का मन सात्विक मन में रूपांतरित होने लगता है
सात्विक मन रात दिन की माथाफोड़ी को प्रेम में बदल देता है
- सात्विक मन होने के कारण अब आप को रात दिन की माथाफोड़ी की व्यर्थता नज़र आने लगती है
- अब आप ईश्वर के सुरक्षा कवच के अंदर आने लगते है इसलिए चीजों को पाने के लिए
- आप को संघर्ष की जगह अपना कर्म सहज रूप से करने में आनंद आने लगता है
- प्रभु से जुड़ने के कारण आप के भीतर जो माथाफोड़ी के कारण एक अभाव पैदा हो गया था
- वह अब प्रभु के प्रेम रस , प्यार , वात्सल्य , ख़ुशी और उमंग से भरने लगता है
- अब आप के मन में माथाफोड़ी के विचारों की जगह सृजन के विचार आने लगते है
और दोस्त इस प्रकार से आप एक दिन हमेशा हमेशा के लिए इस रात दिन की माथाफोड़ी से मुक्त होकर एक पूर्ण स्वतंत्र प्रभु के प्यारे और न्यारे बच्चे बन जाते है
इसलिए दोस्त आप की तरफ से हमारे प्रभु के लिए एक प्यार भरा धन्यवाद तो बनता है .